छत्तीसगढ़बिलासपुर संभाग

दो पत्नी की कहानी सुनाकर एक पत्नी का धनबाद झारखण्ड में बीमा कराना है कहकर LIC एजेन्टों के साथ लाखों रुपये की धोखाधड़ी, कोरबा SP से शिकायत

अंतरराज्यीय ठग गिरोह छत्तीसगढ़ में सक्रिय

कोरबा।बीमा कराने के नाम पर ठगी करने वाला अंतरराज्यीय ठग गिरोह छत्तीसगढ़ में सक्रिय है अंतरराज्यीय ठग गिरोह के झांसे में आकर ढोढ़ीपारा कोरबा निवासी संजीव कुमार राठौर 9 लाख 20 हजार रुपए गंवा चुके है जिन्होंने इसकी शिकायत कोरबा एसपी से की है
बता दे कि संजीव कुमार राठौर ढोढ़ीपारा कोरबा के रहने वाले है जो बीमाकर्ता का काम करते है शिकायत मुताबिक बीमाकर्ता संजीव कुमार राठौर के द्वारा नववर्ष में भारतीय जीवन बीमा का कैलेंडर छपवाया गया था जिस कैलेंडर में बीमाकर्ता ने अपना नंबर भी छपवाया था इस नंबर को देखकर 7489988955, 9179390593 नंबर से इनके पास फोन आया और 1 करोड़ रुपए का बीमा कराने की बात कहि गई,इसी बीच फोन करने वाला अमृत जायसवाल कोरबा पहुंच गया और बीमाकर्ता संजीव से मुलाक़ात कर बिहार के किसी सेठ की दो पत्नी होने की बात कहकर दूसरे राज्य में बीमा करने की बात कही।
कमीशन के लालच और एमडीआरटी रैंक पूरा करने के चक्कर मे बीमाकर्ता संजीव ठग के झांसे में आ गया और 12 फरवरी 2018 को अमृत जायसवाल के साथ धनबाद झारखण्ड चला गया,जहाँ बीमाकर्ता को ठगने के लिए पहले से पूरा प्लान तैयार था बीमाकर्ता के सामने वीआईपी व्यवस्था का दिखावा किया गया, दरअसल वीआईपी होटल में बीमाकर्ता को रुकवाया गया और वही उस सेठ को बुलवाया गया,जिस सेठ की पत्नी के 1 करोड़ रुपए के बीमा करने की बात अमृत जायसवाल ने कही थी, सेठ के आने से पहले अमृत जायसवाल के साथ संजय प्रसाद,मुंशी और चौहान सहित कुल 6 लोग मौजूद थे जो लोग सेठ के आते तक जुआ खेलने की बाते कहने लगे और बीमाकर्ता से अनुमति मांगने लगे इतने में बीमाकर्ता ने मुझे बीमा करने से मतलब है कहकर उन लोगों के ऊपर जुआ खेलने के निर्णय को डाल दिया, कुल 6 लोग जुआ खेलना शुरू कर दिए तभी सेठ आया और वो भी जुआ खेलने लगा देखते ही देखते सेठ जी सारा पैसा जीत गया बाकी 6 लोगों ने सेठ से 16 लाख उधार ले लिये इतने में बीमा की बात हुई तो सेठ कहने लगा मेरा 16 लाख पहले वापस दो उसके बाद बीमा होगा
जो पैसा सेठ से 6 लोग उधार लिए वो लोग आपस मे बीमाकर्ता के सामने झगड़ा करने लगते है और बीमाकर्ता से 16 लाख सेठ को दिखाने में मदद करने की बात कहते है ताकि बीमा हो सके इनके ठांठबाँट को देखकर बीमाकर्ता संजीव इनके झांसे में आ जाता है और अमृत जायसवाल के साथ वापस कोरबा रुपयों के इंतजाम करने आ जाता है संजीव कुल 9 लाख 20 हजार रुपए व्यवस्था करके वापस अमृत जायसवाल के साथ धनबाद झारखंड चला जाता है जहाँ बाकी लोग 6 लाख 80 हजार देकर कुल 16 लाख सेठ को देने बुलाते है सेठ आता है और 16 लाख बिना कुछ बोले लेकर चला जाता है बीमाकर्ता संजीव कुमार राठौर को तब अहसास होता है कि वो ठगी का शिकार हो गया है

अमृत जायसवाल 3 लाख वापस करके बीमाकर्ता संजीव राठौर को सालों घुमाता रहा

बता दे अमृत जायसवाल पोर्था भाटापारा शक्ति निवासी टेंट कारोबारी है जिनके कहने पर ही बीमाकर्ता संजीव राठौर झारखण्ड धनबाद गया था ठगी के बाद अमृत जायसवाल ने संजीव राठौर को अलग अलग किस्तों में 3 लाख वापस किया है और बाकी पैसा भी वापस दिलाने के नाम पर संजीव को घुमाता रहा है

रतनपुर के रोहणी बैसवाड़े एलआईसी एजेंट को भी अमृत जायसवाल ने ठगा

अंतरराज्यीय गिरोह के साथ सुनियोजित तरीके से शातिराना अंदाज में ठगी करने वाले अमृत जायसवाल रतनपुर निवासी रोहणी बैसवाड़े को भी धनबाद झारखण्ड बीमा कराने के नाम पर ले गया था जिनके साथ भी लाखों रुपए की ठगी इन लोगो के द्वारा की गई है

ठगी करके बचने के लिए जुआ को बनाया आधार

ठगी के शिकार हो चुके संजीव राठौर और रोहणी बैसवाड़े ने मीडिया से अपनी आप बीती बताई है अमृत जायसवाल अंतरराज्यीय ठगी गिरोह के लिए सदस्य की तरह काम करता है जो बड़े एलआईसी एजेंटो के नंबर लेकर फोन किया करता था और लोगों को दो पत्नी की कहानी सुनाकर धनबाद झारखण्ड ले जाता था उसके बाद होटल में जान बूझकर अमृत के साथ जुआ खेलते है ताकि शिकायत होने पर पुलिस को ग़ुमराह किया जा सके

अमृत जायसवाल मीडियाकर्मी के सवालों में उलझा

शिकायत के बाद मीडियाकर्मी ने जब अमृत जायसवाल से इस संबंध में बात की तो उसने बताया मैं झारखण्ड धनबाद के लोगों के साथ पल्स कंपनी में काम करता था तब से उन लोगों को जानता था उन लोगों ने बीमा कराने कहा था इसके बाद मैंने संजीव राठौर से संपर्क किया संजीव को धनबाद ले गया जहाँ इन लोगों ने जुआ खेला है मैं 13 लाख 10 हजार वापस किया हूं मैंने ठगी नही की है सेठ जी मर चुके है और मुंशी भी मर चुका है वही मीडियाकर्मी ने जब पूछा कि संजीव राठौर के साथ ठगी होने के बाद आपने दसूरे एलआईसी एजेंट रोहणी बैसवाड़े को धनबाद झारखंड क्यों ले गए इस सवाल का जबाव अमृत जायसवाल नही दे सका

ठगी के इस मामले में अमृत जायसवाल की भूमिका संदिग्ध

अमृत जायसवाल और पीड़ितों के बयान से लगता है अमृत जायसवाल अंतराज्यीय ठगी गिरोह के लिए सदस्य की तरह काम करता था जो बीमाकर्मियों (एलआईसी एजेंटों) को धनबाद झारखण्ड लेकर जाता था

दोनो ठगी के मामले में एक ही कहानी

ठगी के दोनों मामले में अमृत जायसवाल का नाम है दोनो मामले में कहानी एक ही है सेठ जी की दो पत्नी है जिसमे एक पत्नी का झारखंड धनबाद में 1 करोड़ का बीमा करना है

पुलिस जाँच में और भी मामले आ सकते है सामने

मामले में पीड़ित ने पुलिस अधीक्षक कोरबा से शिकायत की है जाँच के बाद बड़ा खुलासा होने की संभावना है अमृत जायसवाल ही इस मामले में अहम कड़ी नज़र आता है

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