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सामाजिक क्षेत्र के मंत्रालयों/विभागों को पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान में शामिल किया जा रहा है

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नई दिल्ली;- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) प्लेटफॉर्म की पहुंच बढ़ाने के दृष्टिकोण के अनुरूप, सामाजिक क्षेत्र के मंत्रालयों को बैठकों की एक श्रृंखला के माध्यम से मिशन मोड में शामिल किया जा रहा है। नई दिल्ली में कल सामाजिक क्षेत्र के मंत्रालयों/विभागों द्वारा पीएम गति शक्ति एनएमपी को अपनाने पर एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान, उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापारविभाग के लॉजिस्टिक्स डिवीजन की विशेष सचिव श्रीमती सुमिता डावरा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सामाजिक क्षेत्र की योजना में एनएमपी को अपनाने और बढ़ाने की असीम क्षमता है।
अब तक, 14 सामाजिक क्षेत्र के मंत्रालयों/विभागों, अर्थात् पंचायती राज मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, डाक विभाग, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, संस्कृति मंत्रालय, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, जनजातीय कार्य मंत्रालय, युवा कार्य विभाग, खेल विभाग, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय और आयुष मंत्रालय को शामिल किया गया है। इन मंत्रालयों/विभागों के अलग-अलग पोर्टल विकसित किए गए हैं, जो एनएमपी के साथ बैकएंड पर जुड़े हुए हैं।
प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों, कॉलेजों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, जिला अस्पतालों, स्वास्थ्य उप-केंद्रों, सार्वजनिक शौचालयों, डंप साइटों, आंगनवाड़ी केंद्रों, उचित मूल्य की दुकानों, अमृत समोवर, डेयरी स्थानों आदि के साथ-साथ इंफ्रास्ट्रक्चर संपदा से संबंधित सामाजिक क्षेत्र के मंत्रालयों की 61 डेटा लेयर का एनएमपी पर मानचित्रण किया गया है।
श्रीमती डावरा ने कहा कि पीएम गतिशक्ति एनएमपी को व्यापक रूप से अपनाने के लिए एक व्यापक क्षेत्र के दृष्टिकोण की योजना पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया गया कि डेटा प्रबंधन के लिए दिशानिर्देशों के रूप में कार्य करने के लिए सामाजिक क्षेत्र के प्रत्येक मंत्रालय द्वारा मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) विकसित की जानी हैं, जिन्हें राज्यों द्वारा भी अपनाया जा सकता है।
बैठक में चर्चा का फोकस सामाजिक क्षेत्र की योजना के लिए एनएमपी को अपनाने की स्थिति की समीक्षा करने और डेटा प्रबंधन के लिए किए जाने वाले उपायों, यानी डेटा की गुणवत्ता में सुधार, डेटा अपलोडिंग और डेटा के सत्यापन पर भी था। बैठक में सभी 14 मंत्रालयों/विभागों के 34 अधिकारियों ने भाग लिया।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय जैसे मंत्रालयों ने एनएमपी को अपनाने के लिए उपयोग के मामलों को प्रदर्शित किया।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने मिशन पोषण 2.0 के तहत आंगनवाड़ी केंद्रों (एडब्ल्यूसी) के बारे में डेटा एकत्र करने के लिए पोषण ट्रैकर नामक एक मोबाइल एप्लिकेशन विकसित किया है। एकत्र किए गए डेटा को भू-टैग किया गया है और एपीआई से जोड़कर एनएमपी प्लेटफॉर्म के साथ एकीकृत किया गया है। इस एप्लिकेशन के माध्यम से अब तक 9.27 लाख आंगनवाड़ी केंद्रों को शामिल किया गया है और उन्हें एनएमपी से जोड़ा गया है। इसलिए, इसके परिणामस्वरूप इंफ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग के लिए प्लेटफॉर्म पर रीयल-टाइम डेटा संवर्धन हुआ है।
इसके अलावा, एनएमपी प्लेटफॉर्म पर मौजूदा आंगनवाड़ी केंद्रों की मैपिंग के बाद, नए आंगनवाड़ी केंद्रों (एडब्ल्यूसी) की स्थापना के संदर्भ में नए क्षेत्रों की पहचान की गई, जो स्थानीय आबादी, आवास समूहों, संस्थानों के बीच की दूरी और साइट की उपयुक्तता वाले उपकरण के इस्तेमाल जैसे मापदंडों के आधार पर थे।
स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग साइट उपयुक्तता उपकरण और मौजूदा डेटा लेयर, यानी सड़क और रेल नेटवर्क, जनसंख्या जनगणना डेटा और जनसांख्यिकीय लेयर के मानचित्रण के माध्यम से अंतराल की पहचान करने और नए स्कूल खोलने के लिए स्थानों को अंतिम रूप देने के लिए नए स्कूल खोलने के लिए उपयुक्त साइटों की पहचान करके एनएमपी मंच का उपयोग कर रहे हैं।
सामाजिक क्षेत्र के अन्य मंत्रालय, जैसे आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, उच्च शिक्षा विभाग, संस्कृति मंत्रालय और जनजातीय कार्य मंत्रालय भी सामाजिक क्षेत्र की योजना के लिए आवश्यक संपत्तियों की पहचान करके एनएमपी पर अपलोड करने की प्रक्रिया में 

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